PCOD KYA HOTA HAI (पीसीओडी क्या होता है)- एक सामान्य समस्या या आधुनिक जीवन की चुनौती?
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हमारे समय में, पीसीओडी (पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम) एक आम समस्या बन गया है, जो महिलाओं में होने वाले हार्मोनल बदलाव के कारण होता है। इसमे अंडाशय में छोटे छोटे सिस्ट बन जाते हैं, जिसका कारण हार्मोनल असंतुलन होता है। लेकिन आपको सच में पता है कि पीसीओडी क्या होता है(PCOD KYA HOTA HAI ) इसकी पहचान कैसी होती है? और इस समस्या से बचने के लिए क्या उपाय करें जा सकते हैं चलिए, हम इस विषय पर गहनता से चर्चा करते हैं।
पीसीओडी क्या होता है (PCOD KYA HOTA HAI )- इसकी पहचान – लक्षण जो हमें ध्यान में रखना चाहिए (PCOD Symptoms in Hindi )
पीसीओडी की पहचान करना जरूरी है, क्योंकि इसके शुरुआती चरण में ही अगर सही उपचार शुरू किया जाए तो इसका असर कम होता है। इस समस्या का मुख्य लक्षण
- मासिक धर्म का अनियमित होना ( IRREGULAR PERIOD )
पीसीओडी के मरीज़ों के मासिक धर्म चक्र में असमान्य बदलाव होते हैं। कभी देरी से आएगा या कभी कई महीने के बाद भी नहीं आएगा
- वजन में अचानक वृद्धि: ( WEIGHT GAIN )
पीसीओडी के होने पर महिलाएं वजन में तेजी से बढ़ने लगती हैं। ये एक मुख्य लक्षण है. इसलिए इसमें वजन कम (WEIGHT LOSS ) करना बहुत ज़रूरी होता है
- अनचाहे बाल का उगना ( HAIR GROWTH )
इस समस्या के कारण, महिलाओं के चेहरे पर या शरीर के अलग-अलग हिस्सों पर अनचाहे बाल उग आते हैं
4. पेट में दर्द और बेचैनी ( ABDOMEN PAIN )
कुछ महिलाएँ पीसीओडी के कारण पेट में दर्द, कमर में दर्द का अनुभव करती हैं। कुछ कुछ महिलओं को असहनीय दर्द का सामना करना पड़ता है
- गर्भवती होने मे समस्या होना ( INFERTILITY )
पीसीओडी के असर से महिलाएं सामान्य स्वास्थ्य में भी बदलाव महसूस करती हैं। कभी-कभी तो गर्भवती होने पर भी समस्या पैदा होती है
पीसीओडी क्या होता है और इसके क्या कारण हैं, – क्यों होती है ये समस्या ( PCOD Cause in Hindi )
WHAT IS PCOD ? WHAT ARE THE REASON BEHIND THIS. WHY IT HAPPENS ?
पीसीओडी का मूल कारण हार्मोनल परिवर्तन और जीवनशैली में अनियमितता होती है। अधिक महिलाएं आधुनिक जीवनशैली के कारण, जैसे अधिक तनाव, अनियामित भोजन, और व्यायाम की कमी के कारण पीसीओडी के शिकार हो जाती हैं। इसके अलावा, जेनेटिक्स और विकास होने पर भी ये समस्या हो सकती है।
पीसीओडी से बचने के लिए कुछ आसान उपाय ( PCOD Treatment in Hindi )
- सम्पूर्ण आहार:
पूरे अनाज़: आपके आहार में Whole Grain शामिल करें, जैसे कि ब्राउन राइस, ओट्स, दलिया , चना , बाजरा , नाशनी और रोटी जैसे अनाज का इस्तेमाल करें । इससे आपकी शरीर को आवश्यक फाइबर मिलेगा और आपकी सेहत सुधारेगी।
हरा सब्ज़ी और फल: आपको अपने आहार में हरी पत्तेदार सब्ज़ियों और फलों की बड़ी मात्रा को शामिल करना चाहिए। जैसे की पालक , सहजन, मेथी ,फूल गोभी बिन्स , ब्रोकोली इत्यादि | ये आपको विटामिन्स, मिनरल्स, और अन्य महत्वपूर्ण पोषण प्रदान करेंगे।
पौष्टिक तेल: ऑलिव ऑयल , सरसों और कोकोनट ऑयल जैसे पौष्टिक तेलों का सही समावेश करें। ये हॉर्मोन इम्बैलेंस को सुधारने में मदद कर सकते हैं।
पौष्टिक प्रोटीन: सभी तरह के दाल जैसे चना , मूंग, मसूर , अरहर और पनीर , दही , सोयबान जैसे पौष्टिक प्रोटीन स्रोतों को अपने आहार में शामिल करें। ये आपकी मेटाबॉलिज्म को बढ़ावा देने में मदद कर सकते हैं।
शुगर और प्रोसेस्ड फूड से बचें: शुगर और प्रोसेस्ड फूड जैसे की पिज़्ज़ा ,बर्गर, मोमोज़, चौमिंग , कोल्ड ड्रिंक्स से परहेज करें, क्योंकि इससे PCOD बढ़ने की संभावना है।
पीसीओडी के मरीज को अपने आहार में सुधार करना चाहिए। पौष्टिक भोजन, फल, सब्जी और प्रोटीन युक्त आहार लेना चाहिए
दालचीनी ,सौंठ ,कच्चा पपीता ,सनफ्लॉवर सीड , पम्पकिन सीड , चिआ सीड इन सब चीज़ो के सेवन से काफी लाभ होता है
आपके आहार को संतुलित रखने से आप अपनी सेहत को सुरक्षित रख सकते हैं, जिससे आप इस सामरिक यात्रा में मजबूत होंगे।
- व्यायाम: EXERCISE
नियमित व्यायाम पीसीओडी के उपचार में सहायक हो सकता है। व्यायाम से वजन नियंत्रित रहता है और हार्मोनल संतुलन में मदद मिलती है। रोज़ाना एक घंटा का टहलना और एक्सरसाइज करना लाभदायक होता है
- तनाव नियंत्रन:
तनव को नियंतृत रखना भी महत्वपूर्ण है। प्राणायाम और ध्यान से आप तनाव पर काम कर सकते हैं। सकून की नींद भी ज़रूरी होती है रोज़ाना 7 से 8 घंटे की नींद होनी चाहिए
- मासिक धर्म चक्र को नियमित करें:
पीसीओडी के मरीज़ को अपने मासिक धर्म चक्र को नियमित करने के लिए उपाय लेना चाहिए। इसके लिए डॉक्टर एवं डायटीशियन की सहायता लेनी चाहिए
स्वस्थ जीवन का मूल मंत्र है सही आहार, नियंत्रित व्यायाम, और तनाव को नियंतृत रखना। इसके अलावा, नियामित चिकित्सक एवं डायटीशियन की सलाह लेना भी महत्तवपूर्ण है।
Hello My Name is Dt. Ruksana Azhar and I am a certified dietician and providing online & offline services for Weight Management, PCOS/PCOD Management, Diabetes Management , etc. I have 12+ years of experience in the Apollo Hospital Delhi , Max Super Specialty Hospital Delhi, Lilavati Hospital Mumbai and VLCC healthcare Mumbai. I loves to write healthcare and lifestyle related blog. My favorite part of being a doctor is the opportunity to directly improve the health and wellbeing of my patients and to develop professional and personal relationships with them.